जिसने जानी समय की चाल उसका न हुआ कभी बुरा हाल
जीवन से मृत्यु तक की जीवन यात्रा हमारी आयु है। कुल आयु के एक दिन में चौबीस घंटे ही होते हैं। इन चौबीस घंटों में आपको करने हैं बहुत से कार्य। जब तक आप इन चौबीस घंटों का सही रीति से प्रबन्धन नहीं करेंगे तो इससे समय का अपव्यय होगा और आपका ढेर सारी हानि भी हो सकती है। जब तक आपको समय की सही चाल भान नहीं होगा और उसका प्रबन्धन भी नहीं करेंगे तो प्रत्येक पल हानि का ही होगा। समय का प्रबन्धन कैसे हो इसकी चर्चा यहां करेंगे।
हर एक को ढेर से कार्य करने हैं। यदि समय पर कार्य न किया जाए तो कार्य भी नहीं बनता है और कार्य लंबित होने के कारण ढेर बढ़ता जाता है। कार्यों के भारी-भरकम ढेर के बोझ के चलते बहुत से कार्य करने भूल जाते हैं। इस भूल से कई कठिनाईयां और परेशानियां बढ़ जाती हैं। जब कार्य अधिक हो तो हड़बड़ाहट या जल्दी होना स्वाभाविक है। इस जल्दबाजी या समय पर कार्य के न करने से ही अनेक प्रकार के तनाव घेर लेते हैं जिनका स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ता है। कामकाजी महिलाओं के साथ तो ये स्थिति आसानी से आ सकती है क्योंकि उन्हें घर और बाहर के कार्य करने पड़ते हैं। ऐसी स्थिति से बचने की सरल रीति है-समय का प्रबन्धन। कार्य अधिक होने का यह तात्पर्य कदापि नहीं है कि हम अपने लिए नई परेशानियां उत्पन्न कर लें। आप दिन भर के कार्यों का लेखा-जोखा दिनांक सहित डायरी में लिखें। जो कार्य हो जाएं उनको काट दें और जो रह जाएं उन्हें अगले दिन की कार्य सूची में लिख लें। यदि आप प्रतिदिन के कार्य बनायी गई कार्य-सूची के अनुसार करेंगे तो कार्य भूलेगा भी नहीं और आसानी एवं समय से हो जाएगा। रात्रि को सोने से पूर्व दस मिनट कार्य-सूची बनाने में लगाएं। यदि दिन भर के कार्यों के लिए व्यवस्थित ढंग से समय का प्रबन्धन किया तो समय की चाल का प्रबन्धन आपके हाथों में होगा और आप बेवजह की मुश्किलों से बच सकते हैं।
आज भागमभाग के जीवन में आप अनेक जिम्मेदारियों से नहीं बच सकते हैं। समय का प्रबन्धन सभी के लिए उपयोगी है, अब चाहे आप पुरुष हों, विद्यार्थी हों, कामकाजी महिला हों या घरेलू महिला। कई बार घरेलू महिलाएं भी यह शिकायत करती हैं कि सारा दिन घ्ार और रसोई में लगे रहो, ऐसे में अपने लिए तो बिल्कुल समय नहीं होता है। महिलाओं में ये विशेषता होती है कि समय के अभाव का रोना रोते हुए सबसे अधिक उपेक्षा वे अपने स्वास्थ्य की करती हैं। जिम जाने या घर पर व्यायाम के नाम पर उनके पास सीधा सा जवाब यह होता है- समय कहां हैं इन बेकार के कार्यों के लिए। ऐसा सोचना नकारात्मक है क्योंकि सत्य यही है कि अच्छे जीवन के लिए घर-परिवार के साथ स्वयं का ध्यान रखना अत्यावश्यक है।
सब कुछ भली-भांति से हो इसके लिए समय का प्रबंधन करना आवश्यक है। यदि आप सभी कार्यों की योजना बनाते हुए कार्य-सूची बनाएं तो उपलब्ध समय में आप सारे कार्य निबटा सकते हैं। यदि आपने कार्यों की सूची बनाकर प्रत्येक कार्य का समय विभाजित करके उसके अनुरूप कार्य किया तो आप सभी कार्यों के साथ मनोरंजन एवं व्यायाम के लिए भी समय निकाल पाएंगी। यह जान लें कि प्रतिदिन के व्यायाम करने से आप चुस्त व ऊर्जावान रहेंगी। इसका सीधा प्रभाव आपके स्वास्थ्य और आपके कार्य पर स्पष्ट दिखाई देगा। प्रसन्नचित्त जीवन के लिए मनोरंजन और सामाजिक होना भी आवश्यक है। इसके लिए भी समय का अभाव है तो यह भी समय के प्रबन्धन से आप सरलता से निकाल पाएंगे। ऐसा करने से अन्य लोगों से आपके संबंध अच्छे होंगे और आपको अच्छा भी लगेगा और भविष्य में इन संबंधों का लाभ भी उठा सकते हैं। कार्य सूची एवं समस्त कार्यों की योजना बनाते समय परिवार के सदस्यों की सलाह भी अवश्य ले लेनी चाहिए। इससे कोई विरोध भी नहीं करेगा और किसी को किसी भी प्रकार की असुविधा भी नहीं होगी।
आलस्य करने या फिर कार्य को टालने से कार्य का बोझ बढ़ेगा और बोझ समझकर कार्य करेंगे तो काम में अधिक समय लगेगा और कई परेशानियां भी भुगतनी पड़ेंगी। पड़ोसियों या मित्रों से अच्छे संबंध रखना आवश्यक है, लेकिन बेवजह की गपशप में समय का अपव्यय न करें। बेकार की फोन चैटिंग या फिर गॉसिप से बचना चाहिए।
परिवार में मिलजुल कर एवं परस्पर कार्य बांटकर करेंगे तो कार्य बोझ भी नहीं लगेगा और कार्य सरलता से समय पर हो जाएगा। कार्य सूची में कार्य योजना बनाते समय उक्त बात का ध्यान रखेंगे तो सभी कार्य योजनाबद्ध होने से समय पर और आसानी से हो जाएंगे। जिम्मेदारी बांटकर कार्य करने से उसे करना आसान हो जाता है। दैनिक कार्य सूची प्रतिदिन बनाएं। दिन के आवश्यक कार्य सूची में सबसे पहले रखें। कार्यों को कार्य की आवश्यकता के अनुसार ही सूची में उसका क्रम निर्धारित करें। प्रत्येक कार्य की समय सीमा भी निर्धारित करें और उसे तय समय सीमा में पूरा करने का भरसक प्रयास करें। यह हो सकता है कि प्रारम्भ में आप ऐसा न कर पाएं पर धीरे-धीरे आपके प्रयास आपको सफलता देने लगेंगे। छुट्टी के दिन के सभी कार्यों की सूची पूर्व में ही बना लें ताकि आवश्यक कार्य न छूट जाए। आवश्यक कार्य के लिए मनोरंजन के समय में से कटौती कर सकते हैं। वैसे समय का प्रबन्धन करेंगे तो आपको मनोरंजन के समय भी कटौती नहीं करनी पड़ेगी। समय अल्प हो तो हड़बड़ाएं नहीं, जल्दबाजी एवं हड़बड़ाहट सदैव कार्य बिगाड़ते हैं। समय का बचाव व्यर्थ की गपशप और फोन पर लंबी बातचीत न करके कर सकते हैं। सदैव कार्य को टालने की अपेक्षा उसे तुरन्त निपटाएं।
समय के प्रबन्धन से अनेक लाभ हैं। पहले तो समय का सही उपयोग आपको हड़बड़ी या जल्दबाजी से बचाता है। दूसरा सभी काम अच्छे ढंग से चुटकियों में हो जाते हैं। तीसरा बेवजह के मानसिक दबाव व तनाव नहीं झेलना पड़ता है। पूर्व तीन लाभों से चौथा लाभ स्वास्थ्य ठीक रहता है, आत्मविश्वास बढ़ जाता है औशर मन में और अच्छा करने की इच्छा उत्पन्न होने लगती है। अन्तत: आप स्वयं से ही नहीं मित्रों व मिलने-जुलने वालों से कहने लगेंगे कि जिसने जानी समय की चाल उसका न हुआ कभी बुरा हाल।
हर एक को ढेर से कार्य करने हैं। यदि समय पर कार्य न किया जाए तो कार्य भी नहीं बनता है और कार्य लंबित होने के कारण ढेर बढ़ता जाता है। कार्यों के भारी-भरकम ढेर के बोझ के चलते बहुत से कार्य करने भूल जाते हैं। इस भूल से कई कठिनाईयां और परेशानियां बढ़ जाती हैं। जब कार्य अधिक हो तो हड़बड़ाहट या जल्दी होना स्वाभाविक है। इस जल्दबाजी या समय पर कार्य के न करने से ही अनेक प्रकार के तनाव घेर लेते हैं जिनका स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ता है। कामकाजी महिलाओं के साथ तो ये स्थिति आसानी से आ सकती है क्योंकि उन्हें घर और बाहर के कार्य करने पड़ते हैं। ऐसी स्थिति से बचने की सरल रीति है-समय का प्रबन्धन। कार्य अधिक होने का यह तात्पर्य कदापि नहीं है कि हम अपने लिए नई परेशानियां उत्पन्न कर लें। आप दिन भर के कार्यों का लेखा-जोखा दिनांक सहित डायरी में लिखें। जो कार्य हो जाएं उनको काट दें और जो रह जाएं उन्हें अगले दिन की कार्य सूची में लिख लें। यदि आप प्रतिदिन के कार्य बनायी गई कार्य-सूची के अनुसार करेंगे तो कार्य भूलेगा भी नहीं और आसानी एवं समय से हो जाएगा। रात्रि को सोने से पूर्व दस मिनट कार्य-सूची बनाने में लगाएं। यदि दिन भर के कार्यों के लिए व्यवस्थित ढंग से समय का प्रबन्धन किया तो समय की चाल का प्रबन्धन आपके हाथों में होगा और आप बेवजह की मुश्किलों से बच सकते हैं।
आज भागमभाग के जीवन में आप अनेक जिम्मेदारियों से नहीं बच सकते हैं। समय का प्रबन्धन सभी के लिए उपयोगी है, अब चाहे आप पुरुष हों, विद्यार्थी हों, कामकाजी महिला हों या घरेलू महिला। कई बार घरेलू महिलाएं भी यह शिकायत करती हैं कि सारा दिन घ्ार और रसोई में लगे रहो, ऐसे में अपने लिए तो बिल्कुल समय नहीं होता है। महिलाओं में ये विशेषता होती है कि समय के अभाव का रोना रोते हुए सबसे अधिक उपेक्षा वे अपने स्वास्थ्य की करती हैं। जिम जाने या घर पर व्यायाम के नाम पर उनके पास सीधा सा जवाब यह होता है- समय कहां हैं इन बेकार के कार्यों के लिए। ऐसा सोचना नकारात्मक है क्योंकि सत्य यही है कि अच्छे जीवन के लिए घर-परिवार के साथ स्वयं का ध्यान रखना अत्यावश्यक है।
सब कुछ भली-भांति से हो इसके लिए समय का प्रबंधन करना आवश्यक है। यदि आप सभी कार्यों की योजना बनाते हुए कार्य-सूची बनाएं तो उपलब्ध समय में आप सारे कार्य निबटा सकते हैं। यदि आपने कार्यों की सूची बनाकर प्रत्येक कार्य का समय विभाजित करके उसके अनुरूप कार्य किया तो आप सभी कार्यों के साथ मनोरंजन एवं व्यायाम के लिए भी समय निकाल पाएंगी। यह जान लें कि प्रतिदिन के व्यायाम करने से आप चुस्त व ऊर्जावान रहेंगी। इसका सीधा प्रभाव आपके स्वास्थ्य और आपके कार्य पर स्पष्ट दिखाई देगा। प्रसन्नचित्त जीवन के लिए मनोरंजन और सामाजिक होना भी आवश्यक है। इसके लिए भी समय का अभाव है तो यह भी समय के प्रबन्धन से आप सरलता से निकाल पाएंगे। ऐसा करने से अन्य लोगों से आपके संबंध अच्छे होंगे और आपको अच्छा भी लगेगा और भविष्य में इन संबंधों का लाभ भी उठा सकते हैं। कार्य सूची एवं समस्त कार्यों की योजना बनाते समय परिवार के सदस्यों की सलाह भी अवश्य ले लेनी चाहिए। इससे कोई विरोध भी नहीं करेगा और किसी को किसी भी प्रकार की असुविधा भी नहीं होगी।
आलस्य करने या फिर कार्य को टालने से कार्य का बोझ बढ़ेगा और बोझ समझकर कार्य करेंगे तो काम में अधिक समय लगेगा और कई परेशानियां भी भुगतनी पड़ेंगी। पड़ोसियों या मित्रों से अच्छे संबंध रखना आवश्यक है, लेकिन बेवजह की गपशप में समय का अपव्यय न करें। बेकार की फोन चैटिंग या फिर गॉसिप से बचना चाहिए।
परिवार में मिलजुल कर एवं परस्पर कार्य बांटकर करेंगे तो कार्य बोझ भी नहीं लगेगा और कार्य सरलता से समय पर हो जाएगा। कार्य सूची में कार्य योजना बनाते समय उक्त बात का ध्यान रखेंगे तो सभी कार्य योजनाबद्ध होने से समय पर और आसानी से हो जाएंगे। जिम्मेदारी बांटकर कार्य करने से उसे करना आसान हो जाता है। दैनिक कार्य सूची प्रतिदिन बनाएं। दिन के आवश्यक कार्य सूची में सबसे पहले रखें। कार्यों को कार्य की आवश्यकता के अनुसार ही सूची में उसका क्रम निर्धारित करें। प्रत्येक कार्य की समय सीमा भी निर्धारित करें और उसे तय समय सीमा में पूरा करने का भरसक प्रयास करें। यह हो सकता है कि प्रारम्भ में आप ऐसा न कर पाएं पर धीरे-धीरे आपके प्रयास आपको सफलता देने लगेंगे। छुट्टी के दिन के सभी कार्यों की सूची पूर्व में ही बना लें ताकि आवश्यक कार्य न छूट जाए। आवश्यक कार्य के लिए मनोरंजन के समय में से कटौती कर सकते हैं। वैसे समय का प्रबन्धन करेंगे तो आपको मनोरंजन के समय भी कटौती नहीं करनी पड़ेगी। समय अल्प हो तो हड़बड़ाएं नहीं, जल्दबाजी एवं हड़बड़ाहट सदैव कार्य बिगाड़ते हैं। समय का बचाव व्यर्थ की गपशप और फोन पर लंबी बातचीत न करके कर सकते हैं। सदैव कार्य को टालने की अपेक्षा उसे तुरन्त निपटाएं।
समय के प्रबन्धन से अनेक लाभ हैं। पहले तो समय का सही उपयोग आपको हड़बड़ी या जल्दबाजी से बचाता है। दूसरा सभी काम अच्छे ढंग से चुटकियों में हो जाते हैं। तीसरा बेवजह के मानसिक दबाव व तनाव नहीं झेलना पड़ता है। पूर्व तीन लाभों से चौथा लाभ स्वास्थ्य ठीक रहता है, आत्मविश्वास बढ़ जाता है औशर मन में और अच्छा करने की इच्छा उत्पन्न होने लगती है। अन्तत: आप स्वयं से ही नहीं मित्रों व मिलने-जुलने वालों से कहने लगेंगे कि जिसने जानी समय की चाल उसका न हुआ कभी बुरा हाल।
No comments:
Post a Comment